Monday, June 22, 2009

परम पूज्य पावन चरणों में

परम पूज्य पावन चरणों में जीवन के अरमान अड़े
अरे तुम्हारे ही इंगित पर सुख दुःख के सब साज पड़े


सदियों से पिसते आए है, सदियों से है दास है बने
धर्म कर्म कर्तव्य भुलाकर अपने कुल के नाश बने
जल्दी तत्व सिखा फिर जिससे, भक्षक का उपनाम उड़े
अरे तुम्हारे ही इंगित पर सुख दुःख के सब साज पड़े

तुमने मार्ग बताया हमको दीपक ज्यों दिन रात जलो
इसीलिए हम खड़े प्रकाश ले अब मुक्ति की और चलो
तव आज्ञा से दीप लड़ी भी विद्युत बनकर ज्योति करे
अरे तुम्हारे ही इंगित पर सुख दुःख के सब साज पड़े

तन को जीवन दिया जन्म ने, मृत्यु उसे ले जायेगी
वैभव और समृद्धि सारी पृथ्वी पर रह जायेगी
इन पर यह अधिकार हमारा सद् अवसर पर त्याग करें
अरे तुम्हारे ही इंगित पर सुख दुःख के सब साज पड़े

इन आँखों से हमने हमको विश्वजयी बनते देखा
इन आँखों से इज्जत पर ही कभी छुरी चलते देखा
फर फर फर फर फहराते हो कहते क्यों नहीं मौन खड़े
अरे तुम्हारे ही इंगित पर सुख दुःख के सब साज पड़े

कुछ देखा कुछ सुना सहा सब तेरी ही तो इच्छा पर
महा हवन पर हविष्य बन कर आए तेरी इच्छा पर
इन प्राणों पर इन भावों पर तव इच्छा अधिकार करे
अरे तुम्हारे ही इंगित पर सुख दुःख के सब साज पड़े

- श्री तनसिंह

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